Wednesday, April 11, 2012

kya kya janen

बस इतना ही
जानो मित्रों 
जिसे जानना 
बहुत जरूरी 
अधिक जानना 
खतरनाक है 
मत देखो 
खिडकी से बाहर 
परदे के पीछे 
मत झांको 
नींव लिजलिजी
क्या देखोगे
तहखाने
वीभत्स मिलेंगे
कोने बहुत
घिनौने होंगे
पार धुंए के
घुटन मिलेगी
कोहरे की चादर
में लिपटी
आधी कही
कहानी होगी
अगर गलीचा
भी झड्काया
छनी छनाई
धूल मिलेगी
पार क्षितिज के
किस ने देखा
शून्य कोई
सुनते आते हैं

इक मरीचिका
जीना अच्छा
सुनो मित्र
ऐसा करते हैं
शतुरमुर्ग से
करें दोस्ती
कछुए को
ज्ञानी स्वीकारें

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