सीधे उलटे फंदों से, कुछ बुन,लड़की
नयी सलाई,नयी ऊन को,चुन,लड़की
घर भर की खुशियाँ गिरवी हो जायेंगी
बढती बेल सरीखी,होती,घुन,लड़की
खुद के घर की परिभाषा का पता नहीं
गृह प्रवेश का होती,मगर,शगुन,लड़की
खटरागों की उम्र हुई पूरी जानो
बना वक्त को साज,बजा,इक धुन,लड़की
तुझे सुनाने वालों की सुन फ़ौज खड़ी
सुन सकती हो जितना,उतना सुन,लड़की
नयी सलाई,नयी ऊन को,चुन,लड़की
घर भर की खुशियाँ गिरवी हो जायेंगी
बढती बेल सरीखी,होती,घुन,लड़की
खुद के घर की परिभाषा का पता नहीं
गृह प्रवेश का होती,मगर,शगुन,लड़की
खटरागों की उम्र हुई पूरी जानो
बना वक्त को साज,बजा,इक धुन,लड़की
तुझे सुनाने वालों की सुन फ़ौज खड़ी
सुन सकती हो जितना,उतना सुन,लड़की
2 comments:
Waah...Behtariin
One of my Fav Sir :)
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