Monday, May 14, 2012

bonsaai

गमलों मे 
कब पेड़ पनपता 
कोई बोनसाई ही होगा 
पेड़ नहीं 
तदरूप और विद्रूप 
भले हो 
बौनी ताकत
छाया,फल कब दे पाएगी 
किसी बेल को 
कहाँ सहारा मिल पायेगा
कहाँ बसेरा ले पायेगा
कोई पखेरू
प्राण-वायु मुट्ठी भर भी
जो दे ना पाए
क्या करना है
इन पेड़ों का
जीवन का स्पंदन धडके
ऐसे पेड़ों को
गमलों से आजाद करें अब
नहीं चाहिए
ड्राइंग रूम की शोभा केवल
कई ज़मीनी बातें
अब जीनी ही होंगी
गमले टूटेंगे
तो ही
पनपेंगे पक्का
कुछ विशाल वट वृक्ष
वही आश्वस्त करेंगे

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