सुन गोविंदा
भिखमंगों की इस टोली को
कैसे तू संतुष्ट करेगा
कैसे सिद्ध करेगा
दाता इक तू ही है
ऐसे वैसे
कैसे कैसे
जैसे तैसे
सभी डटे हैं
मांग पत्र की फोटोकॉपी
सब हाथों में
तुझे समर्पित
पत्र पुष्प ये
पान ,इत्र के फाहे
तुलसी,गंगाजल ये
झांकी ये छप्पन भोगों की
एक लिसलिसी लार सने हैं
कौन आया है
तुझ से मिलने
सब तुझ को
केसिनो समझें
दांव लगाते
एक लगा कर
शायद लाख बना पाएंगे
नहीं चाहता बनूँ
भीड़ का हिस्सा
फिर भी
मन पापी है
चोरी चोरी
देख रहा
छप्पन भोगों को
सच्चा है
आँखों का खारा पानी
फिर भी
लाओ इन से
चरण पखारूँ
भिखमंगों की इस टोली को
कैसे तू संतुष्ट करेगा
कैसे सिद्ध करेगा
दाता इक तू ही है
ऐसे वैसे
कैसे कैसे
जैसे तैसे
सभी डटे हैं
मांग पत्र की फोटोकॉपी
सब हाथों में
तुझे समर्पित
पत्र पुष्प ये
पान ,इत्र के फाहे
तुलसी,गंगाजल ये
झांकी ये छप्पन भोगों की
एक लिसलिसी लार सने हैं
कौन आया है
तुझ से मिलने
सब तुझ को
केसिनो समझें
दांव लगाते
एक लगा कर
शायद लाख बना पाएंगे
नहीं चाहता बनूँ
भीड़ का हिस्सा
फिर भी
मन पापी है
चोरी चोरी
देख रहा
छप्पन भोगों को
सच्चा है
आँखों का खारा पानी
फिर भी
लाओ इन से
चरण पखारूँ
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