Monday, August 27, 2012

कागज

सुनो
कागज बहुत करामाती चीज़ है
जिस पर क्रांति
घटित की गयी है /
की जा रही है /
की जा सकती है.
फिर
बंद किया जा सकता है उसे
कल्लू कबाड़ी के गोदाम में
उस पर रख कर
खाई जा सकती है कचोरी
किया जा सकता है
पुनर्चक्रित
बनाया जा सकता है
मॉल में बेचे गये माल
हेतु
कैरीबैग


1 comment:

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह.....
कबाड पर कविता..

लाजवाब!!!

सादर
अनु