Sunday, April 1, 2012

bhadbhuje

ठान लिया था सब ने
वो अवतार सरीखे
आये हैं अहसान जताने
धरा धाम पर
मूंग दलेंगे
इंसानी छाती पर वो ही
बहुत कुशल भौंहे
उतनी ही चपल उंगलियां
धडकन धडकन नृत्य करे तो
ताल पे उन की
हर बिसात पर मोहरे
वो ही सजा सकेंगे
जीत हार का अर्थ भला क्या
चालें चलना
शगल पुराना
चालें उन की
और सभी मोहरे
या दर्शक
ताल पे नाचें
ताली पीटें

भडभूजे कुछ
भाड़ झोंकते
बोला करते
हे अवतारी
समय मिले तो
भाड़ पे आना

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