Friday, March 18, 2011

होली है

होली की मुबारकबाद के साथ आप के लिए चन्द दोहे

सहजन फूला साजना,महुआ हुआ कलाल
मौसम दारु बेचता,हाल हुआ बेहाल

गेंहू गाभिन गाय सा,चना खनकते दाम
महुआ मादक हो गया,बौराया है आम

गौरी है कचनार सी,नैनों भरा उजास
पिया बसंती हो गए,आया है मधुमास

फगुनाया मौसम हुआ,अलसाया सा गात
चौराहे होने लगी तेरी मेरी बात

सतरंगी है ओढ़नी,पचरंगी है पाग
जीवन चाहे रेत हो मनवा खेले फाग

हवा सीटियाँ मारती,मद बरसे आकाश
रस्ते चलते छेड़ता,आवारा मधुमास

मेघदूत तो है नहीं,कुरजां ले सन्देश
जिस के रंग राची फिरूं वो क्यों है परदेश

फागुन छोटा देवरा,फिर फिर छेड़े आय
मनवा बैरी हो गया,तन में अगन लगाय

भाभी बौरायी फिरे,साली भी दे ताल
मीठी मीठी छेद से,मनवा हुआ निहाल

इस फागुन की रात में चांद रहा भरमाय
चढ़ा करेला नीम पे,करिये कौन उपाय

चान्दी सी है चांदनी,सोने सी है रेत
अळगोजा बरसा रहा हेत,हेत और हेत

फागुन बाराती हुआ,तन थिरके सुर ताल
आँख निमंत्रण पत्र सी,मन जैसे वर माल

मनवा खिला पलाश है,तन टेसू का फूल
पगलाये माहौल में,कर भूलों पर भूल

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