ना सांस भर के देख
स्वीकार कर के देख
बेटी जवाँ हुई है
ना आँख भर के देख
तेरा गुरुर है ये
बस आँख भर के देख
तारीख को गढ़ेगी
विश्वास कर के देख
लानत मलामतों को
इंकार कर के देख
मजबूत है ये गुडिया
ना हार कर के देख
बेलौस तरबियत का
इज़हार कर के देख
इस पर भी नेमतें कुछ
बलिहार कर के देख
करता,जता सका ना
वो प्यार कर के देख
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