Saturday, April 30, 2011

जादू टोना जी

सच को कैसे ढोना जी
चुभता कोना कोना जी

खाना-पीना,जगना-सोना
ये होना क्या होना जी

धुंआ,धुंआ अहसासों पलना
कतरा कतरा खोना जी

समय समय पर आना जाना
किस का रोना धोना जी

आसमान में इक उड़ान हो
क्या पाना क्या खोना जी

जीना नागफणी का जंगल
सपनों को क्या बोना जी

जागें तो जीवन पर सोचें
सोना है तो सोना जी

आँख मूँद कर देखेंगे तो
जीवन सपन सलोना जी

एक मदारी सभी जमूरे
जीवन जादू-टोना जी

1 comment:

Arunesh c dave said...

अच्छा लिखते हैं आप आगे पढ़ता रहूंगा