मुझ से डर औ मुझे डरा तू
छिछला लेकिन दिख गहरा तू
साधन संसाधन सब तेरे
क्यों जीता है मरा मरा तू
बहुत बनैला और अघाया
लेकिन फिर भी बेसबरा तू
अभी हंसाये,अभी रुलाये
नाजनीन का सा नखरा तू
मेरे जीवन से कब निकला
चाहे कितना भी अखरा तू
हार और गुलदस्ते तेरे
मेरी बगिया का खतरा तू
इक दिन ये पक्का होना है
मैं बोलूँगा,ठहर जरा तू
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